Tuesday, May 8, 2007

ये मोहब्बत

सोचता हूँ की ये मोहब्बत मैं भी कर के तो देखूँ
ये प्यार के दो बोल मैं भी पढ़ कर तो देखूँ
किसी की आँखो की बातों को सुन कर तो देखूँ
किसी के दिल मैं रह कर तो देखूँ
सोचता हूँ की ये मोहब्बत मैं भी कर के तो देखूँ

सुना है बहुत गहराई है इस प्यार मैं
बहुत सच्चाई है इस प्यार मैं
इस प्यार की गहराई मैं डूब कर तो देखूँ
सोचता हूँ की ये मोहब्बत मैं भी कर के तो देखूँ

किसी की धड़कनो को सुन कर तो देखूँ
किसी के केशुओं को सुलझा कर तो देखूँ
किस तरह होतें हैं दो दिल एक
ये राज़ जानकार मैं भी तो देखूँ
सोचता हूँ की ये मोहब्बत मैं भी कर के तो देखूँ

सुना बहुत दर्द भी मिलता है इस प्यार मैं
ये दर्द अपने दिल मैं महसूस कर के तो देखूँ
किस तरह होती है आँखों से बातें
ये बात मैं भी तो कर के देखूँ
सोचता हूँ की ये मोहब्बत मैं भी कर के तो देखूँ

सुना है नीद नही आती, चैन भी उड़ जाता है
अपनी इन नीदों को मैं भी तो उड़ा कर तो देखूँ
तन्हाई ही मिलती है इस प्यार मैं
मैं अपनी इस तन्हाई को सकूँ मैं बदल कर तो देखूँ
सोचता हूँ की ये मोहब्बत मैं भी कर के तो देखूँ.

1 comment:

Preeti said...

ye adab mae bhi hai.. rght... nice one..