Monday, June 18, 2012

बहुत चुप चाप से रहते हो

कहाँ दिल छोड़ आये हो, बहुत चुप चाप से रहते हो,

न बनते हो न संवरते हो, न कोई बात करते हो,

भरी महफ़िल में भी अक्सर, हमेशा खोये रहते हो,

उदासी आँखों में ले के, हर एक चेहरे को तकते हो,

कोई जब याद आता है तो, ठंडी आह भरते हो,

तो खुल कर क्यूँ नहीं कहते, किसी से प्यार करते हो।

तुम गीत लिखो मैं गाऊं

तुम गीत लिखो मैं गाऊं |
जग की सारी व्यथा भुला कर स्वप्नों में सो जाऊं ||

तुम अनंत जीवन की साधना,
गायक की साकार कल्पना,
स्वर लहरी की माला गूंथूं और तुमको पहनाऊं ||

जीवन तुम बिन यूँ अंधियारा,
लहर बिना ज्यों शांत किनारा,
अपनी भावना का प्रतीक में, दीपक एक जलाऊं ||

चन्दा की उन्मुक्त चांदनी,
प्रणय गीत की सरस रागिनी,
मधुर मिलन के इस अवसर पर कैसे में सो जाऊं ||