Sunday, January 11, 2009

मैंने देखा है करवट बदलते हुए बादलों को

मैंने देखा है करवट बदलते हुए बादलों को..........

बारिश मै भीगते हुए आसमा को.........

मैंने देखा है हवा के झोके से पेड़ों की डॉलियो को आपस मै सिमटते हुए........

मैंने देखा है पंछीयों को अपनी दिशा बदलते हुए........

मैंने देखा है इस रिम् झिम मै भिग्ते हुए खुद के बदन को........

मैंने देखा है बाद्लो के पीछे से झाकते हुए चांद को.......

मैंने महसूस की है तेरी खुश्बो इस बहती हुई हवा में......

मैंने एह्सास किया है तुझे हर पल इस बदलते हुए मौसम मै......

Thursday, January 8, 2009

जहाँ प्यार मीले.

ना ग़मों के हो साये ना दर्द का नामों नीशां ,
ए दील चल चलें वहाँ जहाँ प्यार मीले ।
दूर ख्वावों के देश मे कोई तो होगा अपना ,
इन्तेजार में पलकें बीछाये तकता होगा रस्ता अपना ।
दूर ग़मों को छोड़ चलें हम, दर्द सारे भूल चले हम,
छोड़ चलें उन यादों को , भूल चलें सारे गीले ,
ए दील चल चलें वहाँ ...जहाँ प्यार मीले....!