सुबह बाकि है, शाम अभी बाकि है
इस दिल के कुछ अरमान, अभी बाकि हैं
कोई है जो मेरा होश उड़ा ले गयी है
शांशे रुक गयी है, पर जान, अभी बाकि है
की थी, मैंने भी, आसमान की चाहत कभी
पर टूट गए हैं, उड़ान अभी बाकि है
ये क्या गजब, हवाओं ने अपना रुख बदला
तूफ़ान दर पे है और अंजाम, अभी बाकि है
सुना था आँसुओं में हर गम बह जाते है
रो-रो कर थक गया हूँ, निशान अभी बाकि है
सोचता हूँ, किसपे लुटाऊंगा दिल की दौलत सारी
सब कुछ तो लुट चूका, यादो का मकान, ही बाकि है
अब जाऊं तो कहाँ जाऊं, सुकून पाने को, ऐ खुदा...
शान्शे तक जलती है, दिल का मेहमान अभी बाकि है
ख्याल आता है क़ि बचपन क़ी गलिओं में लौट चलूँ,
कि आज भी उन गलिओं में मेरी पहचान, अभी बाकि है
बस एक उस खुदा का ही तो आश्रा है मुझे,
ना हो मायुश क़ि आखरी फरमान, अभी बाकि है
वो सोचते हैं क़ि हम बद्दुआ करते है..
बद्दुआ दे भी, तो दे केसे...
उसके दिल में ही तो, मेरी जान, अभी बाकि है
गर वो कहते है उनके दिल में जगह ही नहीं,
कोई कह दे उनसे.....
कोई गम क़ी बात नहीं, शमशान, अभी बाकि है ...
कोई गम क़ी बात नहीं, शमशान, अभी बाकि है ...
सुबह बाकि है, शाम अभी बाकि है
इस दिल के कुछ अरमान, अभी बाकि हैं
Monday, August 22, 2011
प्यार ने पूछा ज़िन्दगी क्या है?
प्यार ने पूछा ज़िन्दगी क्या है?
हमने कहा तेरे बिन कुछ नहीं.
उसने फिर पूछा दर्द क्या है?
हमने कहा जब तू संग नहीं.
प्यार ने पूछा मोहब्बत कहा है?
हमने कहा मेरे दिल में कही.
उसने फिर पूछा खुदा कहा है?
हमने ने कहा तुझमे कही.
प्यार ने पूछा हमसे इश्क क्यों है?
हमने कहा उसको भी पता नहीं
उसने फिर पूछा इतनी बेचैनी क्यों है?
हमने कहा इसमें कसूर मेरा नहीं.
प्यार ने पूछा एतबार करोगे मेरा ?
हमने कहा तुमसे बढकर कोई नहीं.
उसने फिर पूछा साथ दोगे मेरा ?
हमने कहा क्यों नहीं क्यों नहीं!!…
हमने कहा तेरे बिन कुछ नहीं.
उसने फिर पूछा दर्द क्या है?
हमने कहा जब तू संग नहीं.
प्यार ने पूछा मोहब्बत कहा है?
हमने कहा मेरे दिल में कही.
उसने फिर पूछा खुदा कहा है?
हमने ने कहा तुझमे कही.
प्यार ने पूछा हमसे इश्क क्यों है?
हमने कहा उसको भी पता नहीं
उसने फिर पूछा इतनी बेचैनी क्यों है?
हमने कहा इसमें कसूर मेरा नहीं.
प्यार ने पूछा एतबार करोगे मेरा ?
हमने कहा तुमसे बढकर कोई नहीं.
उसने फिर पूछा साथ दोगे मेरा ?
हमने कहा क्यों नहीं क्यों नहीं!!…
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