Thursday, July 26, 2007

क्यूं

हवा की तरह वो मुझे छू जाती है
पर नज़र क्यूं नही आती है

जब भी हाथ बदता हूँ छू लेने को
एक याद की तरह गुम हो जाती है

क्यूं रहती है एक अजनबी की तरह
वो मुझे क्यूं इतना तड़पाती है

क्या ख़बर नही उसे मेरे हाल की
या वो मुझे बस यूँही सताती है

1 comment:

Anil Arya said...

अच्छा है...