Tuesday, July 10, 2007

भुलाना नहीं आता

दिल से उनको भुलाना नहीं आता
हमको उनसे मिलने का बहाना नहीं आता !

दिल की दुनिया में झाँक लो
मेरे अरमानों की ख़बर क्या है तुमको???
मुझे उनके सामने कुछ भी बताना नही आता !

उनकी नाराज़गी किस तराह चुभती है
मेरे इस नाज़ुक से दिल को
हमें इस तकलीफ़ को लफ़्ज़ों में जताना नहीं आता !

हमसे तो कह गये के मोहब्बत में
तड़प को यूँ शामिल ना करो
सच तो येह है के आपको प्यार निभाना नहीं आता !

दिल के दरवाज़े को खोल कर देख लो
मेरे मेहबूब नाम किसका है लिखा
हमें वो नाम आपको पढ़ाना नहीं आता !

सारी दुनिया पर ज़ाहिर कर दिया
हमने अपना हाल-ए-दिल
हमें अपने दिल की हालत को छुपाना नहीं आता !

मोहब्बत को बन्दगी का नाम दिया है
उसे सादगी से पेश करेंगे
हमें वक़्त के साथ रंग बदलना नहीं आता, !

हमें हाल-ए-दिल बताना नही आता !

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