Friday, July 10, 2009

दिल में छुपा रखा है तुझे याद बना के

दिल में छुपा रखा है तुझे याद बना के


कभी सांसों का हौसला कभी फरियाद बना के


हर एक कोने को रौशन किया तस्वीर से तेरी


तेरी हर बात ने छोडा मुझे बर्बाद बना के


आसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कही


तभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना के


मै नए साल में क्या पेश करू तोहफतन तुझको


हर धड़कन को भेजा है मुबारकबाद बना के


एक ख्वाब सच हो वरना इन बातों का क्या है


कल ख्वाब में देखा खुद को तेरा नौशाद बना के


यह क्या रंग ज़िन्दगी का दिखाते हो 'शाहंशाह'


तुम खुद ही रूठ गए सभी को शाद बना के

4 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा!!

विनोद कुमार पांडेय said...

behatreen rachana neeraj ji,
aap bahut hi badhiya likhate hai..

सदा said...

आसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कही
तभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना के ।।

बहुत ही सुन्‍दर लिखा है आपने बधाई ।

mehek said...

आसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कही


तभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना के
waah bahut hi khubsurat baat keh di,sunder rachana badhai