Thursday, July 21, 2011

क्यूँ चले गए.......?

दिल के एक कोने से फ़रियाद आई है,
पता नहीं आज कैसे तेरी याद आई है.
होंठ सिले थे,अरमान सारे सो चुके थे ,
और हम तो अपने आंसू पुरे रो चुके थे .

जाना था जल्दी तो तुम फिर क्यूँ आये?
क्यूँ दिल में तुम छोड़ गए काले साये ?.
सूना कर आगोश मेरा क्यूँ चले गए तुम ?
ज़िन्दगी है बन गयी बिना तुम्हारे सुन्न .

अब हम तो रह गए हैं जिन्दा लाश से ,
आजाओ सनम बस खुदा के पास से
अब आओगे तुम,तो हम जाने ना देंगे,
जुदाई की हरएक पल का हिसाब लेंगे.

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