Wednesday, June 15, 2011

कैसे-कैसे दरमिया आने लगा प्यार

कैसे-कैसे दरमिया आने लगा प्यार
करीब तुम्हारे मुझको लाने लगा प्यार,

खुली आंखो पर भी नीद हो जैसे
दिन की रोशनी मे खोने लगा प्यार,

इन्तज़ार रहा राहो पे हद से बाहर तक
अब नज़र-नज़र मे समाने लगा प्यार

न जाने क्या रहा लगाव इस रिश्ते मे
फ़िर हर बार मुझको तडफ़ाने लगा प्यार

जहां हो चुके हो मन पूरे समर्पित
वहां धडकन मे यू ही बसने लगा प्यार.

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