ना ग़मों के हो साये ना दर्द का नामों नीशां ,
ए दील चल चलें वहाँ जहाँ प्यार मीले ।
दूर ख्वावों के देश मे कोई तो होगा अपना ,
इन्तेजार में पलकें बीछाये तकता होगा रस्ता अपना ।
दूर ग़मों को छोड़ चलें हम, दर्द सारे भूल चले हम,
छोड़ चलें उन यादों को , भूल चलें सारे गीले ,
ए दील चल चलें वहाँ ...जहाँ प्यार मीले....!
2 comments:
हे भगवान एक और कुन्नू!
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