मैंने देखा है करवट बदलते हुए बादलों को..........
बारिश मै भीगते हुए आसमा को.........
मैंने देखा है हवा के झोके से पेड़ों की डॉलियो को आपस मै सिमटते हुए........
मैंने देखा है पंछीयों को अपनी दिशा बदलते हुए........
मैंने देखा है इस रिम् झिम मै भिग्ते हुए खुद के बदन को........
मैंने देखा है बाद्लो के पीछे से झाकते हुए चांद को.......
मैंने महसूस की है तेरी खुश्बो इस बहती हुई हवा में......
मैंने एह्सास किया है तुझे हर पल इस बदलते हुए मौसम मै......
1 comment:
bahut khubsurat ehsaas badhai
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