मेरी रातें तुम्हारी यादों से सजी रहती हैं
मेरी सांसें तुम्हारी खुशबू में बसी रहती हैं
मेरी आँखों में तुम्हारा ख्वाब सजा रहता है
हाँ मेरे दिल में तुम्हारा ही अक्स बसा रहता है
इस तरह मेरे दिल के बहुत पास हो तुम
जिस तरह पास मुरीद के खुदा रहता है
तुम को मालूम हो ,या न हो शायद कभी
मेरे दिल के आँगन में लगे फूल गवाही देंगे
मैंने कभी किसी फूल को देखा भी नहीं
तुम को सोचा है ,तो फिर तुम को ही सोचा है बहुत
तुम्हारे सिवा किसी और को सोचा भी नहीं
3 comments:
कहते हैं कि-
खुशबू तेरे बदन की मेरे साथ साथ है।
कह दो जरा हवा से तन्हा नहीं हूँ मैं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
इस तरह मेरे दिल के बहुत पास हो तुम
जिस तरह पास मुरीद के खुदा रहता है
तुम को मालूम हो ,या न हो शायद कभी
मेरे दिल के आँगन में लगे फूल गवाही देंगे
waah bahut sunder ehsaas,badhai
अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं।बधाई।
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