दिल में छुपा रखा है तुझे याद बना के
कभी सांसों का हौसला कभी फरियाद बना के
हर एक कोने को रौशन किया तस्वीर से तेरी
तेरी हर बात ने छोडा मुझे बर्बाद बना के
आसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कही
तभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना के
मै नए साल में क्या पेश करू तोहफतन तुझको
हर धड़कन को भेजा है मुबारकबाद बना के
एक ख्वाब सच हो वरना इन बातों का क्या है
कल ख्वाब में देखा खुद को तेरा नौशाद बना के
यह क्या रंग ज़िन्दगी का दिखाते हो 'शाहंशाह'
तुम खुद ही रूठ गए सभी को शाद बना के
4 comments:
बहुत उम्दा!!
behatreen rachana neeraj ji,
aap bahut hi badhiya likhate hai..
आसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कही
तभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना के ।।
बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने बधाई ।
आसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कही
तभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना के
waah bahut hi khubsurat baat keh di,sunder rachana badhai
Post a Comment