Tumhein kabhi meri yaad aati to hogi
Saba mere geet gungunaati to hogi
Chaand sitaare bhi sawaal karte to honge
Barsaat ki koyi boond sataati to hogi
Baaton mein mera bhi zikar aata to hoga
Achaanak ik sirhan si daurh jaati to hogi
Dil kisi waqt shikaayat karta to hoga
Khaamoshi kabhi tilmilaati to hogi
Armaan kisi pal aahein bharte to honge
Taqdeer chupke se muskuraati to hogi
NEERAJ RAJPUT
Hi friends i am Neeraj and i am starting this blog for all of you.
Monday, February 2, 2015
Monday, June 18, 2012
बहुत चुप चाप से रहते हो
कहाँ दिल छोड़ आये हो, बहुत चुप चाप से रहते हो,
न बनते हो न संवरते हो, न कोई बात करते हो,
भरी महफ़िल में भी अक्सर, हमेशा खोये रहते हो,
उदासी आँखों में ले के, हर एक चेहरे को तकते हो,
कोई जब याद आता है तो, ठंडी आह भरते हो,
तो खुल कर क्यूँ नहीं कहते, किसी से प्यार करते हो।
न बनते हो न संवरते हो, न कोई बात करते हो,
भरी महफ़िल में भी अक्सर, हमेशा खोये रहते हो,
उदासी आँखों में ले के, हर एक चेहरे को तकते हो,
कोई जब याद आता है तो, ठंडी आह भरते हो,
तो खुल कर क्यूँ नहीं कहते, किसी से प्यार करते हो।
तुम गीत लिखो मैं गाऊं
तुम गीत लिखो मैं गाऊं |
जग की सारी व्यथा भुला कर स्वप्नों में सो जाऊं ||
तुम अनंत जीवन की साधना,
गायक की साकार कल्पना,
स्वर लहरी की माला गूंथूं और तुमको पहनाऊं ||
जीवन तुम बिन यूँ अंधियारा,
लहर बिना ज्यों शांत किनारा,
अपनी भावना का प्रतीक में, दीपक एक जलाऊं ||
चन्दा की उन्मुक्त चांदनी,
प्रणय गीत की सरस रागिनी,
मधुर मिलन के इस अवसर पर कैसे में सो जाऊं ||
जग की सारी व्यथा भुला कर स्वप्नों में सो जाऊं ||
तुम अनंत जीवन की साधना,
गायक की साकार कल्पना,
स्वर लहरी की माला गूंथूं और तुमको पहनाऊं ||
जीवन तुम बिन यूँ अंधियारा,
लहर बिना ज्यों शांत किनारा,
अपनी भावना का प्रतीक में, दीपक एक जलाऊं ||
चन्दा की उन्मुक्त चांदनी,
प्रणय गीत की सरस रागिनी,
मधुर मिलन के इस अवसर पर कैसे में सो जाऊं ||
Monday, August 22, 2011
सुबह बाकि है, शाम अभी बाकि है
सुबह बाकि है, शाम अभी बाकि है
इस दिल के कुछ अरमान, अभी बाकि हैं
कोई है जो मेरा होश उड़ा ले गयी है
शांशे रुक गयी है, पर जान, अभी बाकि है
की थी, मैंने भी, आसमान की चाहत कभी
पर टूट गए हैं, उड़ान अभी बाकि है
ये क्या गजब, हवाओं ने अपना रुख बदला
तूफ़ान दर पे है और अंजाम, अभी बाकि है
सुना था आँसुओं में हर गम बह जाते है
रो-रो कर थक गया हूँ, निशान अभी बाकि है
सोचता हूँ, किसपे लुटाऊंगा दिल की दौलत सारी
सब कुछ तो लुट चूका, यादो का मकान, ही बाकि है
अब जाऊं तो कहाँ जाऊं, सुकून पाने को, ऐ खुदा...
शान्शे तक जलती है, दिल का मेहमान अभी बाकि है
ख्याल आता है क़ि बचपन क़ी गलिओं में लौट चलूँ,
कि आज भी उन गलिओं में मेरी पहचान, अभी बाकि है
बस एक उस खुदा का ही तो आश्रा है मुझे,
ना हो मायुश क़ि आखरी फरमान, अभी बाकि है
वो सोचते हैं क़ि हम बद्दुआ करते है..
बद्दुआ दे भी, तो दे केसे...
उसके दिल में ही तो, मेरी जान, अभी बाकि है
गर वो कहते है उनके दिल में जगह ही नहीं,
कोई कह दे उनसे.....
कोई गम क़ी बात नहीं, शमशान, अभी बाकि है ...
कोई गम क़ी बात नहीं, शमशान, अभी बाकि है ...
सुबह बाकि है, शाम अभी बाकि है
इस दिल के कुछ अरमान, अभी बाकि हैं
इस दिल के कुछ अरमान, अभी बाकि हैं
कोई है जो मेरा होश उड़ा ले गयी है
शांशे रुक गयी है, पर जान, अभी बाकि है
की थी, मैंने भी, आसमान की चाहत कभी
पर टूट गए हैं, उड़ान अभी बाकि है
ये क्या गजब, हवाओं ने अपना रुख बदला
तूफ़ान दर पे है और अंजाम, अभी बाकि है
सुना था आँसुओं में हर गम बह जाते है
रो-रो कर थक गया हूँ, निशान अभी बाकि है
सोचता हूँ, किसपे लुटाऊंगा दिल की दौलत सारी
सब कुछ तो लुट चूका, यादो का मकान, ही बाकि है
अब जाऊं तो कहाँ जाऊं, सुकून पाने को, ऐ खुदा...
शान्शे तक जलती है, दिल का मेहमान अभी बाकि है
ख्याल आता है क़ि बचपन क़ी गलिओं में लौट चलूँ,
कि आज भी उन गलिओं में मेरी पहचान, अभी बाकि है
बस एक उस खुदा का ही तो आश्रा है मुझे,
ना हो मायुश क़ि आखरी फरमान, अभी बाकि है
वो सोचते हैं क़ि हम बद्दुआ करते है..
बद्दुआ दे भी, तो दे केसे...
उसके दिल में ही तो, मेरी जान, अभी बाकि है
गर वो कहते है उनके दिल में जगह ही नहीं,
कोई कह दे उनसे.....
कोई गम क़ी बात नहीं, शमशान, अभी बाकि है ...
कोई गम क़ी बात नहीं, शमशान, अभी बाकि है ...
सुबह बाकि है, शाम अभी बाकि है
इस दिल के कुछ अरमान, अभी बाकि हैं
प्यार ने पूछा ज़िन्दगी क्या है?
प्यार ने पूछा ज़िन्दगी क्या है?
हमने कहा तेरे बिन कुछ नहीं.
उसने फिर पूछा दर्द क्या है?
हमने कहा जब तू संग नहीं.
प्यार ने पूछा मोहब्बत कहा है?
हमने कहा मेरे दिल में कही.
उसने फिर पूछा खुदा कहा है?
हमने ने कहा तुझमे कही.
प्यार ने पूछा हमसे इश्क क्यों है?
हमने कहा उसको भी पता नहीं
उसने फिर पूछा इतनी बेचैनी क्यों है?
हमने कहा इसमें कसूर मेरा नहीं.
प्यार ने पूछा एतबार करोगे मेरा ?
हमने कहा तुमसे बढकर कोई नहीं.
उसने फिर पूछा साथ दोगे मेरा ?
हमने कहा क्यों नहीं क्यों नहीं!!…
हमने कहा तेरे बिन कुछ नहीं.
उसने फिर पूछा दर्द क्या है?
हमने कहा जब तू संग नहीं.
प्यार ने पूछा मोहब्बत कहा है?
हमने कहा मेरे दिल में कही.
उसने फिर पूछा खुदा कहा है?
हमने ने कहा तुझमे कही.
प्यार ने पूछा हमसे इश्क क्यों है?
हमने कहा उसको भी पता नहीं
उसने फिर पूछा इतनी बेचैनी क्यों है?
हमने कहा इसमें कसूर मेरा नहीं.
प्यार ने पूछा एतबार करोगे मेरा ?
हमने कहा तुमसे बढकर कोई नहीं.
उसने फिर पूछा साथ दोगे मेरा ?
हमने कहा क्यों नहीं क्यों नहीं!!…
Thursday, July 21, 2011
कोई दिल से कहदो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े
कोई दिल से कहदो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
और भी गम है ज़माने में, ये गम पुराना छोड़े...
मैं खुश था बहुत इश्क के बगैर भी, तनहा...
उसकी यादों से कह दो, मेरे दिल में यूँ आना छोड़े...
वो राग जो बस गया है, होंठों पे गीत बनके मेरे...
उस राग से कहदो, मेरे होंठों पे गुनगुनाना छोड़े...
वो सनम, बेरहम है, जो दिल में बस गया है मेरा...
उस हमदम से कह दो, के मेरे दिल का ठिकाना छोड़े...
जो आँशु बनके बहता है मेरे इन निगाहों से भी...
उन आँशुओं से कहदो के, मेरे आँखों में आना छोड़े...
वो ना आयेंगे कभी....
कोई दिल से कहदो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
कोई दिल से कहदो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
और भी गम है ज़माने में, ये गम पुराना छोड़े...
मैं खुश था बहुत इश्क के बगैर भी, तनहा...
उसकी यादों से कह दो, मेरे दिल में यूँ आना छोड़े...
वो राग जो बस गया है, होंठों पे गीत बनके मेरे...
उस राग से कहदो, मेरे होंठों पे गुनगुनाना छोड़े...
वो सनम, बेरहम है, जो दिल में बस गया है मेरा...
उस हमदम से कह दो, के मेरे दिल का ठिकाना छोड़े...
जो आँशु बनके बहता है मेरे इन निगाहों से भी...
उन आँशुओं से कहदो के, मेरे आँखों में आना छोड़े...
वो ना आयेंगे कभी....
कोई दिल से कहदो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
कोई दिल से कहदो, कि उम्मीद का ये बहाना छोड़े...
क्यूँ चले गए.......?
दिल के एक कोने से फ़रियाद आई है,
पता नहीं आज कैसे तेरी याद आई है.
होंठ सिले थे,अरमान सारे सो चुके थे ,
और हम तो अपने आंसू पुरे रो चुके थे .
जाना था जल्दी तो तुम फिर क्यूँ आये?
क्यूँ दिल में तुम छोड़ गए काले साये ?.
सूना कर आगोश मेरा क्यूँ चले गए तुम ?
ज़िन्दगी है बन गयी बिना तुम्हारे सुन्न .
अब हम तो रह गए हैं जिन्दा लाश से ,
आजाओ सनम बस खुदा के पास से
अब आओगे तुम,तो हम जाने ना देंगे,
जुदाई की हरएक पल का हिसाब लेंगे.
पता नहीं आज कैसे तेरी याद आई है.
होंठ सिले थे,अरमान सारे सो चुके थे ,
और हम तो अपने आंसू पुरे रो चुके थे .
जाना था जल्दी तो तुम फिर क्यूँ आये?
क्यूँ दिल में तुम छोड़ गए काले साये ?.
सूना कर आगोश मेरा क्यूँ चले गए तुम ?
ज़िन्दगी है बन गयी बिना तुम्हारे सुन्न .
अब हम तो रह गए हैं जिन्दा लाश से ,
आजाओ सनम बस खुदा के पास से
अब आओगे तुम,तो हम जाने ना देंगे,
जुदाई की हरएक पल का हिसाब लेंगे.
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